सूनी हैं राहे ,सूना है जहां ,
माँ तेरे साये को छोड़ में आज जाऊं कहाँ ?
लंबी हैं रातें ,धुंदला आसमां ,
तेरी दुआओं का है ऐसा कारवा .....
तुझसे है दिन तुझसे है शाम ,
रुक जा माँ ,अब करले कुछ आराम
तेरी मेहनत का होगा असर ,बस करले आज तू थोडा सबर
तेरे प्यार कि छाव तले ,जल्द ही लहराउंगी में माँ
कठिन रास्तों से भी अब घबराउंगी न मे माँ
करुँगी सर ऊचा में ,तेरी आशायें ना होंगी विफल
पूरी करुँगी में तेरी सारी उमीदें ,तेरे सपनो की डोर को थामुंगी माँ
जीती है तू सिर्फ मेरे लिये ,अब खुद के लिए आज जीले माँ ...........
माँ तेरे साये को छोड़ में आज जाऊं कहाँ ?
लंबी हैं रातें ,धुंदला आसमां ,
तेरी दुआओं का है ऐसा कारवा .....
तुझसे है दिन तुझसे है शाम ,
रुक जा माँ ,अब करले कुछ आराम
तेरी मेहनत का होगा असर ,बस करले आज तू थोडा सबर
तेरे प्यार कि छाव तले ,जल्द ही लहराउंगी में माँ
कठिन रास्तों से भी अब घबराउंगी न मे माँ
करुँगी सर ऊचा में ,तेरी आशायें ना होंगी विफल
पूरी करुँगी में तेरी सारी उमीदें ,तेरे सपनो की डोर को थामुंगी माँ
जीती है तू सिर्फ मेरे लिये ,अब खुद के लिए आज जीले माँ ...........
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