चाँद पे ले चलो यार मेरे
नदियों का झिलमिल पानी
ये सुनहरे बादलों की सेज पे सवार
ले चलो कहीं दूर यार मेरे।
भीगे पत्तों से टपकता बारिश का पानी
मिट्टी की सौंधी खुशबू महकाती हर सांस को
सूरज ढलने को है राज़ी
चाँद पे ले चलो यार मेरे।
तारों से करेंगे पहेलियाँ
सपनों से करेंगे यारी
धीरे से रात कट जाएगी यह
पलकें होंगी भारी भारी
चाँद पे ले चलो यार मेरे।
खेलेंगे ख़यालो से लुका छुपी
फुरसत की गठरी रख कर सर पे
कर लो तैयारी यार मेरे
चाँद पे ले चलो यार मेरे।
Note: These lines are inspired by the song "Indian Summer" by Jai Wolf.
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